मोतिहारी
मोतिहारी पुलिस चर्चित जिला पार्षद हत्याकांड को सुलझाने के करीब पहुंच गई है। एसआईटी की टीम हर गिरफ्तारी के बाद एक तार को दूसरे तार से जोड़कर मुख्य षड्यंत्रकर्ता तक पहुंचने के लिए जी तोड़ कोशिश कर रही है। पुलिस ने अब राजनीतिक हत्या की दिशा में जांच शुरू कर दी है। फिलहाल मोतिहारी पुलिस ने आगामी नरकटिया विधानसभा चुनाव और जिला परिषद के अध्यक्ष पर लगे अविश्वास प्रस्ताव में मृतक जिला पार्षद की भूमिका के एंगल पर जांच शुरू कर दी है।
जानकारी के मुताबिक, चांदमारी चौक पर दिन दहाड़े हुए इस हाई प्रोफाइल मर्डर के बाद मोतिहारी में चर्चा और अफवाहों का बाजार गर्म है। हर कोई हत्या की असली वजह जानना चाहता है। बताया जा है कि जिला पार्षद की हत्या के दो दिन पहले बंजरिया थाना क्षेत्र के फुलवार में हनुमान दुबे के घर पर एक बैठक हुई थी। उसमें लगभग 10 लोग शामिल हुए थे, जिनमें से छह का नाम पुलिस के पास है और अन्य चार के नाम को पुलिस ढूढ़ रही है। हनुमान दूबे के यहां हुई बैठक में हनुमान दूबे, हत्यारोपी टिमन उर्फ निरंजन दूबे, लक्की, हरिशंकर पासवान, अविनाश उर्फ राजकुमार और अशोक यादव शामिल हुए थे।
हत्याकांड में गिरफ्तार रमेश महतो ने पुलिस को बताया कि हत्या के दो दिन पहले हुई बैठक के दौरान शराब लाकर उसी ने दी थी। रमेश ने बताया कि हत्या के बाद हत्या में शामिल अविनाश उर्फ राजकुमार को उसी ने हनुमान दुबे के कहने पर आदापुर बॉर्डर से होते हुए नेपाल के कलेया में पहुंचाया था। जहां से गुड्डू नाम का युवक अविनाश को अपने साथ लेकर वीरगंज चला गया। रमेश ने यह भी बताया कि जिला पार्षद की हत्या एक सुपारी किलिंग है, जिसके लिए दस लाख रुपये टिमन उर्फ निरंजन दुबे के पास रखे हुए हैं। पुलिस जांच में अब यह महत्वपूर्ण बिंदु हो गया है कि अगर गांव के पैक्स चुनाव का मामला या फिर हनुमान दुबे के साथ स्थानीय वर्चस्व का कारण होता तो हनुमान दुबे हत्यारे टिमन दुबे उर्फ निरंजन दुबे (हनुमान दूबे के भतीजे) को दस लाख रुपये की सुपारी क्यों देगा? ऐसे में पुलिस के सामने हत्या के दो कारण रह जाते हैं। पहला जिला परिषद अध्यक्ष पर लगा अविश्वास प्रस्ताव और दूसरा आगामी नरकटिया विधानसभा चुनाव।
मोतिहारी के एसपी कांतेश मिश्रा ने बताया कि एसआईटी हत्या के सभी बिंदुओं पर जांच कर रही है। जिला परिषद के चर्चित जिला पार्षद सुरेश यादव की हत्या छह दिन पहले चांदमारी चौक पर गोली मारकर कर दी गई थी। घटनास्थल पर दो मोटरसाइकिल से चार हत्यारे पहुंचे थे। एक मोटरसाइकिल पर अविनाश उर्फ राजकुमार था जो घटनास्थल से थोड़ी दूर लाइनर की भूमिका में था। दूसरी मोटरसाइकिल पर तीन बदमाश थे। लक्की मोटरसाइकिल चला रहा था, हरिशंकर पासवान और टिमन उर्फ निरंजन दुबे हत्या करने के बाद मोटरसाइकिल पर सवार हुए थे।